जानिए, क्यों मनाते हैं गोगा नवमी, क्या है इसका महत्व?
जानिए, क्यों मनाते हैं गोगा नवमी, क्या है इसका महत्व?
गोगा नवमी पर बहुत शुभ संयोग बना है. इस दिन कुछ उपाय करके आप अपने विरोधियों को शांत कर सकते हैं.
13 अगस्त बृहस्पतिवार को गोगा नवमी पड़ गई है बृहस्पतिवार को बहुत अच्छा संयोग बना है. अपने विरोधी और प्रतिद्वंदी को शांत करें. शत्रु को हराकर आगे बढ़ना हो तो मौका अच्छा है. जिंदगी की हर जंग जीत सकते हो. जीवन में हर कदम पर विरोधी होते हैं. आपको कॉम्पिटिशन में हज़ारों या लाखों में सफल होना पड़ता है. गोगा नवमी में उपाय करके आप हर बाजी जीत सकते हो.
गोगा नवमी क्यों मनाते हैं
भादों की नवमी को गोगा नवमी के रूप में मनाते हैं
इसमें गोगा महाराज को याद किया जाता है
गोगा जी को नागराज का अवतार माना गया है
जो एक प्रतापी राजा थे और बहुत से विरोधी राजाओं को हराया था
उनका राज हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में फैला था
जो बाद में गुग्गा पीर बन गए
गोगा जी को नागराज की तरह समझा जाता है
गोगा जी जन्म संत गोरखनाथ के आशीर्वाद से हुआ था
गोगा जी की माँ को गोरखनाथ जी ने एक गुग्गल का फल प्रसाद के रूप में हुआ था
उसी के बाद महा प्रतापी राजा गोगा जी का जन्म हुआ था
गोगा जी की गोगा नवमी पर पूजा होती है
साथ हर बाजी जीतने के लिए नाग राज की पूजा होती है
आज नाग नागिन की पूजा करेंगे --तो हर बाजी जीतेंगे
शत्रुओं और विरोधियों से आपकी रक्षा हो
गोगा नवमी को विशेष शिव जी और नाग पूजा करें
दीवाल पर चोक या लाल मिटटी से नाग देवता बनाकर
उसकी पूजा करें
सफेद फूल चढ़ाएं, दूध चढ़ाएं और गुग्गल धूप से आरती करें
यानी दूध, दही ,गुड शहद और घी चढ़ाएं
घी का दीपक जलाकर आएं
रोज घर में गुग्गल का धुआं दिखाकर घर को शुद्ध करें
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